भगत सिहं अनमोल वचन हिन्दी

भगत सिहं के अनमोल वचन
Bhagat Singh Quotes in Hindi

“हम दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे, हम स्वतंत्र हैं और हमेशा स्वतंत्र रहेंगे”- भगत सिंह

“यदि कोई युवा मातृभूमि की सेवा नहीं करता तो उसका जीवन व्यर्थ है” - भगत सिंह

“मात्रभूमि की इस दुर्दशा को देखकर अभी तक यदि आपका रक्त क्रोध नहीं करता है, तो यह आपकी रगों में बहता खून नहीं है ये तो पानी है”  - भगत सिंह

“एक विमान जमीन पर हमेशा के लिए सुरक्षित है, लेकिन यह उस के लिए नहीं बने, हमेशा महान ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए जीवन में कुछ सार्थक जोखिम लेने होते है“- भगत सिंह

"दूसरों को खुद से आगे बढ़ते हुए मत देखो, प्रतिदिन अपने खुद के कीर्तिमान तोड़ो, क्योंकि सफलता आपकी अपने आप से एक लड़ाई है।" - भगत सिंह

"अगर आपके लहू में रोष नहीं है। तो ये पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है। ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो मात्रभूमि के काम ना आए।"- भगत सिंह

राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है.- भगत सिंह

प्रेमी, पागल, और कवी एक ही चीज से बने होते हैं।- भगत सिंह

निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं.- भगत सिंह

जो व्यक्ति भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी , उसमे अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी.- भगत सिंह

ज़रूरी नहीं था की क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था.- भगत सिंह
क्रांति मानव जाती का एक अपरिहार्य अधिकार है. स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है. श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है.- भगत सिंह

क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे.- भगत सिंह

इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है , जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे.- भगत सिंह

आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसके आदि हो जाते हैं और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की ज़रुरत है.- भगत सिंह

हर कण राख का मेरी ऊर्जा से चलायमान है और मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आजाद है.- भगत सिंह


हमारे लोगो को मारकर वो कभी भी हमारे विचारो को नहीं मार सकते.- भगत सिंह

व्यक्तियों को कुचल कर उनके विचारों को नहीं मार सकते.- भगत सिंह


मैं एक मानव हूं और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है.- भगत सिंह

मेरे सीने में जो जख्म है वो सब फूलो के गुच्छे है हमें तो पागल ही रहने दो हम पागल ही अच्छे है.- भगत सिंह

मेरी कलम मेरी भावनावो से इस कदर रूबरू है कि मैं जब भी इश्क लिखना चाहूं तो हमेशा इन्कलाब लिखा जाता है.- भगत सिंह

मेरा एक ही धर्म है देश की सेवा करना.- भगत सिंह


बुराई इसलिए नहीं बढती की बुरे लोग बढ़ गए है बल्कि बुराई इसलिए बढती है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये है.- भगत सिंह


जो व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी.- भगत सिंह

जो भी ब्यक्ति विकास के लिए खड़ा होगा उसे हर एक रुढ़िवादी चीज को चुनौती देनी होगी तथा उसमे अविश्वास करना होगा.- भगत सिंह

जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं.- भगत सिंह

जरूरी नहीं था कि क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो. यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था.- भगत सिंह

क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारो की शान पर ही तेज होती है.- भगत सिंह

किसी को ‘क्रांति’ शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए. जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरूपयोग करते हैं उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग अलग अर्थ और अभिप्राय दिए जाते हैं.- भगत सिंह

मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्त्वाकांक्षा , आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ. पर मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ, और वही सच्चा बलिदान है.- भगत सिंह


कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे.- भगत सिंह

कवि और एक पागल प्रेमी दोनों एक ही चीज से बने है क्योंकि लोग अक्सर देशभक्तों को पागल कहते है.- भगत सिंह

व्यक्तियो को कुचल कर , वे विचारों को नहीं मार सकते।- भगत सिंह

राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है.- भगत सिंह

यदि बहरों को सुनना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा. जब हमने बम गिराया तो हमारा धेय्य किसी को मारना नहीं थ. हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था . अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आज़ाद करना चहिये.- भगत सिंह

ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती हे … दूसरो के कन्धों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं - भगत सिंह

किसी भी कीमत पर बल का प्रयोग ना करना काल्पनिक आदर्श है और  नया आन्दोलन जो देश में शुरू हुआ है और जिसके आरम्भ की हम चेतावनी दे चुके हैं वो गुरु गोबिंद सिंह और शिवाजी, कमाल पाशा और राजा खान , वाशिंगटन और गैरीबाल्डी , लाफायेतटे और लेनिन के आदर्शों से प्रेरित है।- भगत सिंह



Post a Comment

Please don't Enter any spam link in the comment box